जेरुसलम (I)
तुम्हारे लिए बलि चढ़ाने को
हम चोटी पर खड़े थे
और जब हमने अपने उठे हुए हाथ खाली देखे
तो समझ गए
कि हम ही बलि-पशु हैं
मृत्यों को खुद अपनों के ही हाथों मरने दो
केवल तुम ही बचे रहोगे अकेले
वे जो मरने को अभिशप्त हैं
उनकी भ्रमों से भरी इस तीर्थ-यात्रा से
तुम्हें क्या लेना-देना?
खाली हाथ उठाए
हम ही बलि-पशु हैं
Jerusalem (I)
We stood on the Mount
to raise a sacrifice for you
and when we saw our hands rise empty
we knew
that we are your sacrifice
Let the mortals fall
in the hands of their fellow mortals
You alone always remain
This confused pilgrimage
of those who are impermanent-
what concern is it of yours?
Our hands rise, empty
We are your sacrifice
जेरुसलम (II)
जब मैं तुमसे जुदा होता हूँ
पत्थर हो जाता हूँ
जब वापस लौटता हूँ
पत्थर हो जाता हूँ
मैं तुम्हें मेडुसा नाम देता हूँ
मैं तुम्हें सोडोम और गोमोरा की बड़ी बहन कहता हूँ
तुम बप्तिस्मा का वह जल हो जिसने रोम को जला कर राख कर दिया
पहाड़ों पर मकतूल गीत गुनगुना रहे हैं
और विद्रोही अपनी कहानी सुनाने वाले किस्सागोओं को उलाहने दे रहे हैं
जबकि मैं समुद्र को पीछे छोड़ता तुम्हारे पास लौटा हूँ, लौट आओ
उस पतली धार के पास जो अब कतई नाउम्मीद हो चुकी है
मैं कुरान पढ़ने वालों को सुनता हूँ और लाशों के कफ़नों को भी
मैं मातम मनाने वालों के पैरों की धूल को सुनता हूँ
मैं तीस का भी नहीं हुआ और तुमने मुझे कितनी ही बार दफ़ना दिया
और हर बार, तुम्हारी ही खातिर मैं जमीन से निकल आया
भाड़ में जाएँ
वे जो तुम्हारी शान में कसीदे काढ़ते हैं
जो तुम्हारी तकलीफ़ों को स्मृति चिन्ह की तरह बेचा करते हैं
वे सब जो अब चित्र में मेरे साथ खड़े हैं
मैं तुम्हें मेडुसा नाम देता हूँ
मैं तुम्हें सोडोम और गोमोरा की बड़ी बहन कहता हूँ
तुम बप्तिस्मा का वह जल हो जो अब भी जल रहा है
जब मैं तुमसे जुदा होता हूँ
पत्थर हो जाता हूँ
जब वापस लौटता हूँ
पत्थर हो जाता हूँ
Jerusalem (II)
When I leave you I turn to stone
an when I come back I turn to stone
I name you Medusa
I name you the older sister of Sodom and Gomorrah
you the baptismal basin that burned Rome
The murdered hum their poems on the hills
and the rebels reproach the tellers of their stories
while I leave the sea behind and come back
to you, come back
by this small river that flows in your despair
I hear the reciters of the Quran and the shrouders of corpses
I hear the dust of the condolers
I am not yet thirty, but you buried me, time and again
and each time for your sake
I emerge from the earth
So let those who sing your praises go to hell
those who sell souvenirs of your pain
all those who are standing with me, now, in the picture
I name you Medusa
I name you the older sister of Sodom and Gomorrah
you the baptismal basin that still burns
When I leave you I turn to stone
When I come back I turn to stone